Pandit Hanuman Sahay

Sur Sahitya Kala Sansthan

Indian Classical Music Organization
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Events & Concerts

A new initiative is being taken by our organization in which artists of Rajasthan and well-known and young artists from all over India are being made live. You can also give us Sur Sahitya Kala Sansthan through your consent message. So, please like our page Sur Sahitya Kala Sansthan. These are not paid concert. This initiative should be the foundation stone for our country in this epidemic, this effort is not only dedicated to musicians and listeners, but also to all those warriors who are fighting for the country. I request all the artistes and the public to appreciate the artists who have given programs in this initiative. They need you with them.

An effort by #SSKS which is in front of you every Sunday as a live session. The participation of our entire team is commendable. The special thing is that the music art seekers who perform in the midst of a large population, but looking at the present times, it is unlikel. But the organization which is making an effort to get in the midst of the mass media through social media, the support of the artists so far has been the foundation stone. On behalf of our organization, you salute all the artists, as well as request the new artists, that you too can make this time a bright time by giving your support. 

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विदुषी सुचरिता गुप्ता – आसाम के प्रसिद्ध संगीत परिवार में जन्मी, बंगाल घराने के गायक स्व. पं. मृनाल कांती दत्ता की प्रिय सुपुत्री “सुचरिता” बनारस में श्रीमती सविता देवी की बगिया का पुष्प बन निखरी.

सुचरिता जी के पिताजी, स्व. पं. मृनाल कांती दत्ता के द्वारा शुरू की गई एकल यात्रा में बनारस घराने की राजकीय गायिका श्रीमती सविता देवी का कारवाँ जुडता गया व बनारस घराने की स्वर साम्राज्ञी स्व. सिद्देश्वरी देवी जी के सानिध्य में परवान चढ़ा।
श्रीमती सुचरिता गुप्ता बनारस घराने की बेहतरीन कलाकारा हैं जो कि ठुमरी, दादरा, टप्पा, होरी, चैती, कजरी, इत्यादि को अपनी विशिष्ट अंदाज में पेश करती हैं।

आपको कई संस्थाओं द्वारा विभिन्न सम्मान जैसे की विद्या भूषण, कला साधिका, लोक विद्या, यश्कीर्ती, द्रोणाचार्य, शान-ए-बनारस, बनारस रत्न व काशी विद्या सन्मान आदि प्राप्त हैं । आप TV व आकाशवाणी की ‘A’ ग्रेड कलाकारा हैं व अपनी लय, रागदारी व मधुर संगीत से श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध किया है, आपका गायन आकाशवाणी व दूरदर्शन से नियमित प्रसारित होता है, आप विभिन्न संगीत संस्थाओं जिसमें ICCR भी सम्मिलित है, की सदस्या है।

आपकी कुछ अविस्मरणीय प्रस्तुतियां हैं गंगा महोत्सव, बनारस ; विंध्या महोत्सव, विंध्याचल ; अनोखे लाल संगीत परिषद, उत्तरप्रदेश ; बेगम अख्तर स्मृती कार्यक्रम, लखनऊ; I.I.C., नई दिल्ली ; जोरहाट संगीत सम्मेलन, आसाम ; संगीत सम्मेलन, डिब्रुगढ़ ; आकाशवाणी, अंबिकापुर, मध्यप्रदेश ; संस्कार भारती, नागपुर ; विष्णु दिगम्बर जयंती, बिहार ; I.I.C.A., ओडिशा ; I.H.C., नई दिल्ली हिमांचल विश्वविद्यालय, शिमला ; I.C.C.R., लखनऊ ।

SUR SAHITYA KALA SANSTHAN (सुर साहित्य कला संस्थान) द्वारा आयोजित श्रीमती कमला गुप्ता स्मृति संगीत संध्या में विदुषी सुचरिता गुप्ता सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका के गायन के रसास्वादन हेतु आप

अध्यक्ष – डॉ. हनुमान सहाय | – सादर आमंत्रित हैं । – सचिव – संरक्षक – गरिमा कुमावत श्री मुरारीलाल गुप्ता

-: कार्यक्रम :- बुधवार, 23 सितम्बर 2015 | विदुषी सुचरिता गुप्ता : गाय – संगत कलाकार | श्री ललित मिश्रा (बनारस) : तबला

सुर साहित्य कला संस्थान की ओर से आयोजित संगीत के कार्यक्रम में इस बार जयपुर अतरौली घराने की वरिष्ठ गायिका विदुषी अश्विनी भिड़े देशपांडे जी की वरिष्ठ शिष्या श्रीमती सानिया पाटनकर जी का एकल कंठ गायन रखा गया है।
देश विदेश में सानिया जी कई सफल प्रस्तुतियाँ दे चुकी हैं आपको अनेक संस्थाओ द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
आप से अनुरोध है कि कृपया तारीख 10 अप्रैल 2016 को इस कार्यक्रम में अवश्य पधारें।
स्थान : प्रीतांजली बाजोरिया 404 नेमी सागर कॉलोनी गार्डन कैफे के पीछे वैशाली नगर क्वीन्स रोड जयपुर
समय : सुबह 11 बजे
दिनांक: रविवार 10 अप्रैल 2016

We The Team Of SUR SAHITYA KALA SANSTHAN Would Like To Invite You In Shrimati Kamla Gupta memorial Classical Music Concert Of Vidushi Chetna Banawat (Mumbai)
Place : Jawahar Kala Kendra, Jaipur — Day and date : Friday 23rd September 2016

सुर साहित्य कला संस्थान द्वारा आयोजित शास्त्रीय संगीत संध्या में आप सादर आमंत्रित हैं।
ध्रुवपद गायन उस्ताद एच• सईदुद्दीन खाँ डागर। पखावज पर श्री प्रवीण आर्य सह गायन आपके पुत्र श्री नफीसुद्दीन डागर व श्री अनीसुद्दीन डागर।

स्थान : गुलाब उद्यान, बसंत मार्ग, बनिपार्क, जयपुर। – दिनांक व दिन : शनिवार 1 अक्टूबर 2016 । समय : सांय 6:30। प्रवेश निशुल्क। संस्था कार्यक्रम मे आपका स्वागत करती है।

सूर साहित्य कला संस्थान की ओर से 23 सितंबर 2017 6:30 बजे सरस संकुल ऑडिटोरियम में श्रीमती कमला गुप्ता स्मृति संगीत संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुंबई की श्रीमती वीणा सावले ने शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति से समा बांध दिया। आप ने सर्वप्रथम राग सरस्वती से अपने गायन की शुरुआत की राग सरस्वती में बड़ा ख्याल जगत जननी एवं छोटा ख्याल माई सरस्वती प्रस्तुत किया। इसके पश्चात राग दुर्गा में देवी की स्तुति प्रस्तुत की, नव दुर्गा की राग माला, महाराष्ट्र का अभंग एवं जानकी जी का झूला प्रस्तुत किया। इसके पश्चात आपने मीरा जी के भजन प्रस्तुत करें। अंत में राग भैरवी से कार्यक्रम का समापन किया।

“गीतं वाद्यं तथा नृत्यं त्रयं संगीतमुच्यते”
भारतीय संगीत में गायन, वादन एवं नृत्य तीनों के समावेश को संगीत कहा गया है। कमला गुप्ता संगीत समारोह में सूर साहित्य कला संस्थान की ओर से “संगीत त्रिवेणी” कार्यक्रम में आप सब इन तीनों विधाओं का समावेश भली प्रकार से देख व सुन सकते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत पंडित हनुमान सहाय (वनस्थली वाले) की शिष्या डॉ. गरिमा कुमावत द्वारा शास्त्रीय गायन होगी। उसके पश्चात पंडित परमेश्वर लाल कथक एवं श्री जयकुमार जबड़ा के निर्देशन में “तालवाद्य वार्तालाप” जिसमें कथक, तबला, ढोलक, नगाड़ा आदि की मनमोहक प्रस्तुति कार्यक्रम का आकर्षण रहेगी। इसके पश्चात पंडित हनुमान सहाय जी ठुमरी दादरा एवं पद गायन से कार्यक्रम को समापन की ओर ले जाएंगे।

WE THE TEAM OF SUR SAHITYA KALA SANSTHAN WOULD LIKE TO INVITE YOU IN “SANGEET TRIVENI”.
Place — Jawahar Kala Kendra, Rangayan Auditorium, JLN Marg, Jaipur
Day and date — SUNDAY 23rd September 2018
Time — 6:30 pm

पत्रिका न्यूज़

प्रेस-विज्ञप्ति 

सुर साहित्य कला संस्थान  की ओर से प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रीमती कमला गुप्ता स्मृति संगीत समारोह का आयोजन किया गया। संस्था सचिव डॉक्टर गरिमा कुमावत ने बताया कि यह कार्यक्रम संस्था के संरक्षक श्री एम एल गुप्ता द्वारा श्रीमती कमला गुप्ता जी के जन्मदिवस  के उपलक्ष में वर्ष 2013 से कराया जाता आ रहा है । सोमवार दिनांक 23 सितंबर 2019  को  शाम 6:00 बजे  जवाहर कला केंद्र जेएलएन मार्ग जयपुर के  रंगायन सभागार में शास्त्रीय संगीत  में “भक्ति रस प्रवाह” कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । 

कार्यक्रम की पहली कड़ी में  शहर के  सितार – वादक डॉ. अंकित भट्ट  सितार – वादन हुआ।

राग हेमंत में आपने  विलंबित तीन ताल, मध्य लय एकताल, द्रुत लय, जोड़ झाला आदि की प्रस्तुती दी आपके सितार वादन का मुख्य आकर्षण तबले और सितार पर सवाल जवाब की रही। आपके साथ तबले पर श्री दिनेश खींची जी ने संगत की।

दूसरी कड़ी में  संस्था अध्यक्ष पंडित हनुमान सहाय जी के शिष्य अनवर खाँ ने राग बागेश्री मे निबद्ध बिंदु जी का लिखित प्रबल प्रेम के पाले पड़कर गया, आशावरी सहाय ने  राग कलावती में मीरा बाई का पद साँवरे रंग रांची, अतुल कुमार ने राग माँझ खमाज में सूनो छ जी म्हारो देस, डॉ गरिमा कुमावत ने राग चारुकेशी में बिंदु जी का पद यही हरि भक्त कहते हैं कि प्रस्तुती देकर दाद पाई। 

इसके पश्चात पं हनुमान सहाय जी ने लगा सको तो हरि सुमिरन मे ध्यान लगाओ, रघुवर तुमको मेरी लाज आदि बिंदु जी, सूरदास जी, तुलसी दास जी अनेक संतों एवं कवियों के रागबद्ध पदों का गायन कर अंत मे राम ध्वनी से कार्यक्रम को श्रीमति कमला गुप्ता जी को समर्पित किया । आपके साथ सारंगी पर उस्ताद लियाकत खाँ व तबला संगति  जनाब फारुख खान ने की ।  कार्यक्रम में शहर की नामचीन हस्तियाँ मौजुद थी। जिनमे पद्मश्री जनाब शाकिर अली साहब , किलोल की श्रीमती ममता मानसिंगका, श्री अशोक पांडेयजी,पंडित महेश दत्त शर्मा रामायणी, उस्ताद निसार हुसैन खाँ साहब, श्री चंद्र मोहन भट्ट, जनाब इक़्बल खाँ साहब, श्री अनन्त व्यास आदि मुख्य थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती संगीता गुप्ता ने किया। 

 सभी का विशेष आभार धन्यवाद

शरदोत्सव

सुर साहित्य कला संस्थान द्वारा वर्ष 2019 को यादगार विदाई देने के लिए शनिवार रोटरी क्लब जयपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सांस्कृतिक नगरी पुणे से पधारे, जयपुर अतरौली घराने  के गायक श्री सचिन भावसार नेे राग भूप मे बडा खयाल  प्रथम सुर साधें और छोटा खयाल सहेला रे  से शुरुआत  कि। इसके पश्च्चात आपने मराठी मेें  पद आदि से श्रोताओं को  आनंदित किया। आप गान सरस्वती श्रीमती किशोरी अमोनकर जी के वरिष्ठ शिष्य पंडित रघुनंदन फंशीकर जी के शिष्य हैं। आपके साथ हार्मोनियम पर श्री धनेश कुमार गन्गाणी , तबले पर श्री फारुक खाँ तानपुरे पर डॉ शलिनी गुप्ता। इसके पश्चात संस्था अध्यक्ष पं हनुमान सहाय जी एवं आपके शिष्यों ने राग भैरवी में ठुमरी गायन व भजन गायन से कार्यक्रम का समापन कर वर्ष 2019 के शरदोत्सव को संपन्न किया। संरक्षक श्री एम एल गुप्ता जी ने आगन्तुको का आभार प्रकट किया। संचालन श्रीमती संगीता गुप्ता ने किया। 

कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे पंडित विजय शंकर मिश्रा जी , पद्मश्री अर्जुन प्रजापति जी, वरिष्ठ पत्रकार इकबाल  खाँ, डॉक्टर अमला बत्रा जी वैज्ञानिक आदि आप सभी का आभार प्रकट करते हैं और आपके आने से संस्था गौरवान्वित है आप सभी का धन्यवाद।

सुर साहित्य कला संस्थान एवं माधव रिलीजियस ट्रस्ट की ओर से 23 फरवरी 2020 बिहारी मार्ग बनीपार्क जयपुर स्थित माधव आश्रम में सांय 6:30 से 9:30 बजे तक महाशिवरात्रि के उपलक्ष में “शिवोत्सव” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कर्नाटक के डॉ. नागराज राव हवलदार ने शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी डॉ. नागराज किराना घराने के गायक हैं। आपने शास्त्रीय संगीत की तालीम पंडित माधव गुड़ी से प्राप्त की जो कि भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी जी के शिष्य हैं। कार्यक्रम में डॉ नागराज ने राग यमन से कार्यक्रम की शुरुआत की, आपने किराने घराने के अंग को गायकी में दिखाते हुए राग की बढ़त करते हुए राग के आलाप तानो का क्लिष्ट अंदाज दिखाया।इसके पश्चात अपने राग नट मल्हार मे किराना घराने की पारम्परिक बन्दिश सुनाकर श्रोताओं की दात पाई, राग भाटिया में कन्नड भाषा मे देवी स्तुति की प्रस्तुति से श्रोताओं को भव विभोर कर दिया, कार्यक्रम के अन्त मे राग भैरवी मे ब्रम्हानंद जी का भजन जो भजे हरी को सदा प्रस्तुत कर संस्था को शुभकामनायें दीं। आप अपने पूरे परिवार के साथ कार्यक्रम में प्रस्तुत हुये। आपके साथ सह गायन पर आपके पुत्र श्री ओंकार नाथ हवलदार, तबले पर आपके पुत्र श्री केदारनाथ हवलदार, हारमोनियम पर आपके पुत्र श्री समीर हवलदार व तानपुरे पर शारदा हवलदार एवं कोशल्या मारू ने संगत की। संस्था अध्यक्ष डॉ हनुमान सहाय जी ने कहा की संस्था साधक कलाकारों को आमंत्रित कर गौरवान्वित महसूस करती है, अतः शास्त्रीय संगीत के प्रचार प्रसार हेतु ऐसे कलाकारों का जयपुर में आना सौभाग्य की बात है अतः कार्यक्रम में संगीत के विद्यार्थियों को भी ऐसे कलाकारों का लाभ उठाना चाहिए। संस्था संरक्षक श्री एम एल गुप्ता ने कलाकारों का सम्मान व आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शहर के दिग्गज कलाकार मौजुद थे। जिनमे पं महेश दत्त शर्मा, श्री अनन्त व्यास, श्री पंकज कट्टा, श्री राजेन्द्र परनामी , प्रो अमला बत्रा, श्री इक़बाल खाँ, श्री मुकेश मथुर, डॉ सुनील राही आदि। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती संगीता गुप्ता जी ने किया।

सुर साहित्य कला संस्थान एवं माधव रिलिजियस ट्रस्ट की ओर से रविवार 25 जुलाई 2021 शाम 6:30 बजे माधव आश्रम भवन में  डॉ. गरिमा कुमावत द्वारा लिखित पुस्तक  “पं. चिरंजी लाल तंवर -स्वर रा मोती” का विमोचन किया गया। पुस्तक का विमोचन गुरूजी पं महेश दत्त शर्मा (रामायणी), डॉ अमला बत्रा, संस्था संरक्षक श्री एम एल गुप्ता, हाजी इक़बाल खान साहब, गुरु पं हनुमान सहाय जी ने किया। 

कार्यक्रम में बीकानेर के श्री अली मोहम्मद  (संगीत निर्देशक मुम्बई) ने सरस्वती वन्दना मेरे कन्ठ बसो महारानी से कार्यक्रम की शुरुआत की, इसके पश्चात केसरिया बालम, आज तो नेणा रा लोभी आसी ए म्हारि सजनी ए, धिमो मदरो चाल, म्हारा साजनिया रे म्हारा लस्करिया ओल्युडि सतावे, म्हारा हन्जला मारू रेह्जाओ रातड़ली आदी अनेक अप्रचलित माड गाई व शब्दो का अर्थ बताते हुये समा बान्ध दिया। 

आपने गज़ल आँख से दूर न हो दिल से निकल जाएगा, वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा। मीरा बाई का पद माई म्हाने सुपना मा पर्णी रे दीनानाथ से कार्यक्रम का समापन किया।  आपके साथ पं परमेश्वर कथक तबला व श्री किशन कथक ने सितार पर उम्दा संगत की। कार्यक्रम में  डॉ पुष्पा राजावत प्राचार्य भवानी निकेतन, श्री पंकज कट्टा समाज सेवी, श्री राजीव सोनी (जे. के. सीमेंट), प्रोफेसर डॉ  हेमलता कुमावत , श्रीमती उमा देवी कारगवाल समाज सेवीका , श्री शिवपाल सिंह (गुलाबजी चाय), श्री नरेंद्रकृष्ण गन्गाणी (कथक) कार्यक्रम में मौजुद थे। कुछ आदरणीय किसी कारणवश कार्यक्रम में नही आ पाये उनका भी अदृश्य रुप से आशीर्वाद प्राप्त हुआ। संचालन श्रीमति संगीता गुप्ता ने किया। कोरोना महामारी के दिशा निर्देशानुसार कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गाई थी। सुर साहित्य कला संस्थान के फेसबुक पेज पर भी कार्यक्रम को लाइव दिखाया गया ।

WE THE TEAM OF SUR SAHITYA KALA SANSTHAN WOULD LIKE TO INVITE YOU IN CONCERT OF “Shehnai”. Artist-  Ustad Fateh Ali Khan  Banaras – Tabla – Shree Dinesh Khinchi.

Day and date – Tuesday 19 January 2021

जयपुर में राग माड की कार्यशाला

सुर साहित्य कला संस्थान की ओर से *राग माड* की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला बनिपार्क स्थित माधव रिलीजियस ट्रस्ट के सहयोग से की जा रही है। कार्यशाला 10 वर्ष से अधिक आयु के प्रशिक्षणार्थियों के लिए है। सोमवार 6 जुन 2022 से 20 जुन 2022 तक प्रातः 8 बजे से माधव रिलीजियस ट्रस्ट, बिहारी मार्ग बनिपार्क के प्राकर्तिक वातावरण में होने वाली इस कार्यशाला का उदेश्य *राजस्थान के विशिष्ट गायन शैली राग माड* के स्वरूप को व राजस्थान की सांस्कृतिक परंपराओं को जन-जन तक ले जाने का एक प्रयास है। इस कार्यशाला को ओनलाईन भी किया गया है, जिसमे हैदराबाद,आगरा,चेन्नई, दिल्ली के अनेक प्रशिक्षु शामिल हो रहे हैं।  राजस्थान के वरिष्ठ गायक पंडित हनुमान सहाय प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान गायन के साथ-साथ, माड के सभी पहलुओं पर विस्तृत रूप से प्रशिक्षणार्थियों को बताया जाएगा व समय-समय पर कतिपय माड के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान भी करवाया जाएगा, ताकि वर्तमान समय में माड के स्वरूप को संशयात्मक दृष्टि से समझे जाने वाले वर्ग को माड के विषय में जानकारी भी हो सके। कृपया सही शब्द का इस्तेमाल करें राग माड (मांड एक गलत व अपभ्रंश भाषा साहित्य का शब्द है जिसका अर्थ बदल जाता है) आप सभी के सहयोग से इसे सही किया जाना चाहिये।

जयपुर में राग माड की कार्यशाला

सुर साहित्य कला संस्थान की ओर से राग माड पर 15-दिनों की कार्यशाला का आयोजन 6 मई 2023 से किया जा रहा है। यह कार्यशाला बनिपार्क स्थित माधव रिलीजियस ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित की जा रही है। कार्यशाला 10 वर्ष से अधिक आयु के प्रशिक्षणार्थियों के लिए है और 20 मई 2023 तक प्रातः 8 बजे से माधव रिलीजियस ट्रस्ट, बिहारी मार्ग, बनिपार्क के प्राकृतिक वातावरण में संपन्न होगी। इस कार्यशाला का उद्देश्य राजस्थान की विशिष्ट गायन शैली राग माड को संरक्षित करना और राज्य की सांस्कृतिक परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाना है।

इस कार्यशाला को ऑनलाइन भी आयोजित किया गया है, जिसमें हैदराबाद, आगरा, चेन्नई और दिल्ली के अनेक प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। राजस्थान के वरिष्ठ गायक पंडित हनुमान सहाय इस कार्यशाला में प्रशिक्षण दे रहे हैं। कार्यशाला के दौरान गायन के साथ-साथ राग माड के सभी पहलुओं पर विस्तृत रूप से जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, समय-समय पर माड के विशेषज्ञों द्वारा विशेष व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे ताकि वर्तमान समय में माड के स्वरूप को लेकर जो संशय उत्पन्न होते हैं, उन्हें स्पष्ट किया जा सके।

महत्वपूर्ण जानकारी: कृपया ध्यान दें कि सही शब्द राग माड है। मांड एक गलत और अपभ्रंश भाषा का शब्द है जिसका अर्थ परिवर्तित हो जाता है। आप सभी के सहयोग से इसे सही रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है |

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