पुस्तक विषम ताल छंदावली
यह निर्विवादित सत्य है कि कोई भी मानव नया कुछ भी नहीं कर सकता। भारतीय ऋषियों-मुनियों की गणन क्रिया की ही झूंठन को मनुष्य तोड़-मरोड़ कर परोसता है। आज का व्यक्ति हमारे वेद-शास्त्रों को न तो गुरुओं की सन्निधि में रहकर ज्ञान प्राप्त करता है न हीं तत्व से पढ़ता है। अतः उसके द्वारा किया […]